अंकिता भंडारी हत्याकांड: पूर्व भाजपा मंत्री के बेटे समेत तीनों आरोपियों को उम्रकैद – पूरी कहानी

अंकिता भंडारी हत्याकांड: पूर्व भाजपा मंत्री के बेटे समेत तीनों आरोपियों को उम्रकैद – पूरी कहानी

उत्तराखंड की अदालत ने 2022 में हुए अंकिता भंडारी हत्याकांड के तीनों आरोपियों को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। मुख्य आरोपी पुलकित आर्य पूर्व भाजपा मंत्री विनोद आर्य का बेटा है को हत्या, साक्ष्य छिपाने और महिला के साथ छेड़छाड़ के आरोपों में दोषी पाया गया जबकि उसके दो साथियों सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को भी हत्या और अनैतिक तस्करी के मामले में सजा मिली है। यह मामला उत्तराखंड में महिला सुरक्षा और राजनीतिक प्रभाव के खिलाफ एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। हालांकि अंकिता की हत्या ने पूरे देश को झकझोर दिया था लेकिन आज का फैसला उसकी आत्मा को कुछ सुकून दे सकता है।

क्या था अंकिता भंडारी हत्याकांड

18 सितंबर 2022 की काली रात ने उत्तराखंड के ऋषिकेश में एक ऐसी घटना को जन्म दिया जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। वनतंत्रा रिसॉर्ट में काम करने वाली 19 वर्षीय अंकिता भंडारी, जो पौड़ी गढ़वाल के एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखती थी, की निर्मम हत्या कर दी गई। अंकिता होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई कर रही थी, लेकिन कोविड महामारी के दौरान आर्थिक तंगी के कारण उसे अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी। अपने परिवार की आर्थिक मदद के लिए वह ऋषिकेश के इस रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के तौर पर काम करने लगी थी।

अंकिता कौन थी?

अंकिता पौड़ी गढ़वाल के एक गरीब परिवार से थी। उसके पिता बीरेंद्र भंडारी एक सुरक्षा गार्ड थे। वह होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई कर रही थी लेकिन कोविड के दौरान आर्थिक तंगी के कारण उसे पढ़ाई छोड़नी पड़ी। ऋषिकेश के रिसॉर्ट में नौकरी मिलने के बाद वह वहां काम करने लगी।

क्या हुआ उस रात

अंकिता ने अपने दोस्त पुष्प (जो बाद में गवाह बना) को बताया था कि पुलकित उसे 10,000 रुपये के बदले एक वीआईपी गेस्ट के साथ सोने के लिए मजबूर कर रहा था। 18 सितंबर की रात 8:32 बजे अंकिता ने पुष्प को आखिरी बार फोन किया और कहा कि “मुझे डर लग रहा है, वे मेरे साथ हैं।” अगले दिन वह गायब मिली और 24 सितंबर को उसका शव नहर से बरामद हुआ। शव की बरामदगी और जांच अंकिता के गायब होने के 6 दिन बाद 24 सितंबर 2022 को उसका शव चिल्ला नहर से बरामद हुआ। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पाया गया कि उसकी हत्या की गई थी और शव को नहर में फेंक दिया गया था।

गिरफ्तारी और राजनीतिक विवाद

  • पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को गिरफ्तार किया गया।
  • रिसॉर्ट का एक हिस्सा ध्वस्त कर दिया गया, जिस पर सबूत मिटाने के आरोप लगे।
  • भाजपा ने पुलकित के पिता विनोद आर्य और भाई को पार्टी से निकाल दिया।
  • पटवारी वैभव प्रताप ने मामला दर्ज नहीं किया, बाद में उसे निलंबित कर दिया गया।

आरोपी कौन हैं? राजनीतिक कनेक्शन पर सवाल

पुलकित आर्य:

  • पूर्व भाजपा मंत्री विनोद आर्य का बेटा
  • वनतंत्रा रिसॉर्ट का मालिक
  • मुख्य आरोपी, जिसने “विशेष सेवाएं” देने का दबाव बनाया

सौरभ भास्कर व अंकित गुप्ता:

  • रिसॉर्ट के मैनेजर व स्टाफ
  • हत्या में सक्रिय भूमिका

राजनीतिक विवाद:

  • मामले के बाद भाजपा ने विनोद आर्य को पार्टी से निष्कासित किया
  • आरोप लगे कि शुरुआत में राजनीतिक दबाव से जांच प्रभावित हुई

अदालत का फैसला किन धाराओं में मिली सजा?

अदालत ने तीनों आरोपियों को निम्न धाराओं में दोषी ठहराया हैः

  1. भारतीय दंड संहिता की धारा 302: हत्या
  2. धारा 201: साक्ष्य छिपाना
  3. धारा 354ए: यौन उत्पीड़न
  4. अनैतिक तस्करी निवारण अधिनियम

न्यायाधीश का बयान: “यह मामला समाज के नैतिक पतन को दर्शाता है जहां एक निर्दोष युवती को उसकी इज्जत बचाने की कीमत जान देकर चुकानी पड़ी।”

परिवार और समाज की प्रतिक्रिया

30 मई, 2025 को कोर्ट ने तीनों आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। अंकिता के माता-पिता ने फांसी की मांग की। उसके पिता बीरेंद्र भंडारी ने कहा – “मौत के बदले मौत मिलनी चाहिए। हम तब तक संघर्ष करेंगे, जब तक उन्हें फांसी नहीं मिलती।” अंकिता के पिता बीरेंद्र भंडारी ने कहा: “हमें न्याय मिला है लेकिन हम मौत की सजा की मांग करते रहेंगे। मेरी बेटी को जिस निर्मम तरीके से मारा गया, उसके लिए यह सजा पर्याप्त नहीं है।”महिला अधिकार संगठनों ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह “कार्यस्थल पर महिला सुरक्षा के लिए एक मिसाल कायम करता है।”

क्या अभी भी बाकी है लड़ाई?

  • 2023 में सीएम धामी ने अंकिता के नाम पर नर्सिंग कॉलेज बनाने का वादा किया था, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ।
  • परिवार को न्याय मिला, लेकिन सजा पर फैसला HC या SC में चुनौती दी जा सकती है।

डिस्क्लेमर (Disclaimer)

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©द नेशन स्टोरी, 2025
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