मिलिए भारत की पहली महिला कॉम्बैट एविएटर abhilasha barak से…
ये हैँ हरयाणा के रोहतक की मेजर अभिलाषा बराक, जिन्होंने भारतीय एयर फोर्स में पहली महिला कॉम्बैट एविएटर बनने का गौरव हासिल किया है।
मई 2022 में, मेजर अभिलाषा बराक ने लड़ाकू एविएटर के रूप में आर्मी एविएशन कोर में शामिल होने वाली पहली महिला अधिकारी बनकर इतिहास में अपना नाम दर्ज कर लिया।
भारतीय सेना की पहली महिला कॉम्बैट एविएटर मेजर अभिलाषा बारक ने 25 मई 2022 को नासिक की ट्रेनिंग स्कूल से ‘कॉम्बैट एविएटर विंग्स’ हासिल की थीं।
इस समारोह को भारतीय सेना विमानन के इतिहास में “गोल्डन लेटर डे” के रूप में मनाया गया, जिसमें उनकी उपलब्धि के महत्व पर प्रकाश डाला गया। भारतीय सेना के आधिकारिक सोशल मीडिया चैनलों ने इस महत्वपूर्ण अवसर को साझा किया, जिसमें एक लड़ाकू एविएटर के रूप में सेना विमानन कोर में उनके शामिल होने के महत्व पर जोर दिया ।
हरियाणा के रोहतक की इस बहादुर बेटी ने दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और Deloitte जैसी मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने के बाद अपने देश को और अपने सपनों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए भारतीय सेना को चुना ।

उन्होंने 2018 में OTA चेन्नई से कमीशन प्राप्त किया और फिर एयर डिफेंस कोर में शानदार सेवा देते हुए Army Aviation में Advanced Light Helicopter उड़ाने में महारत हासिल की । अभिलाषा बराक ने 2016 में दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी से स्नातक की पढ़ाई पूरी की।
उस के बाद उन्होंने 2017 में ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी चेन्नई से अपना प्रशिक्षण प्राप्त किया। उन्हें 2022 में भारतीय सेना में पहली महिला लड़ाकू एविएटर बनने का श्रेय हासिल किया। उन्होंने यूनिट 6657 आर्मी एविएशन कॉर्प्स में महाराष्ट्र के नासिक में कॉम्बैट आर्मी एविएशन ट्रेनिंग स्कूल से अपना एक साल का प्रशिक्षण पूरा किया।
देश सेवा के लिए उन का समर्पण और जज़्बा उन के खून में है वह एक सेवानिवृत्त कर्नल की बेटी हैं। उनका जन्म मिलिट्री हॉस्पिटल, वेलिंगटन में हुआ था, जब उन्हें सितंबर 2018 में आर्मी एयर डिफेंस कोर में कमीशन दिया गया था। उन्होंने 28 सितंबर 2019 को सेना वायु रक्षा कोर की टुकड़ी का नेतृत्व किया, जब पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने 25 साल की सेवा पूरी होने पर कोर को राष्ट्रपति के ध्वज से सम्मानित भी किया था।
मेजर अभिलाषा बराक ने भारतीय सेना में पहली महिला लड़ाकू एविएटर बनकर भारतीय सैन्य इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करा लिया है।
यह उल्लेखनीय उपलब्धि न केवल सशस्त्र बलों में लैंगिक प्रतिनिधित्व के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, बल्कि देश भर के अनगिनत महत्वाकांक्षी एविएटर्स के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है।
आज मेजर अभिलाषा बराक सिर्फ एक पायलट ही नहीं, बल्कि हमारे देश की हर उस लड़की की उम्मीद हैं, जो उड़ना चाहती है, अपने सपनों को पूरा करने के लिए ऊँच नीच जाति धर्म के साथ ही तमाम लैंगिक बंधन तोड़ के आगे बढ़ना चाहती है और अपने देश का नाम पूरी दुनिया में रौशन करना चाहती है ।
©द नेशन स्टोरी, 2025 (The Nation Story)
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