उत्तर प्रदेश स्थित Bahraich news में फिर से 8 महीने बाद आ गया है क्योंकि यहां भेड़िए ने एक बच्चे को मारकर कहर बरपा दिया है। इस बार भेड़िए ने महसी तहसील के गढ़ीपुरवा गांव में 2 साल के मासूम आयुष को उसकी मां की गोद से छीनकर मार डाला।
सोमवार देर रात करीब 12:00 बजे खुशबू देवी अपने बेटे आयुष को गोद में लेकर चारपाई पर लेटी थी। तभी अचानक एक भेड़िया दबे पांव घर में घुसाया और मासूम को झपट कर ले गया।
बच्चे की चीख सुनकर मां खुशबू की आंख खुल गई। भेड़िया बच्चे की गर्दन को जबड़ों में दबाकर खेतों की तरफ भाग निकला।
Bahraich news: लगभग 08 महीने बाद एक बार फिर भेड़ियों के हमलों का आतंक हुआ जारी
उत्तर प्रदेश के बहराइच (Bahraich news) जिले में पिछले दो-तीन सालों से भेड़ियों के हमलों का आतंक जारी है। लगभग 08 महीने बाद एक बार फिर भेड़िये ने वापसी की है। एक 2 साल के मासूम बच्चे आयुष की गर्दन को जबड़ों में दबाकर खेत की ओर भाग गया। सुबह गन्ने के खेत में बच्चे का शव मिला जिस पर भेड़िए के हमले के निशान थे। बच्चे के दोनों हाथ और एक पैर क्षतिग्रस्त थे।
इस क्षेत्र में पिछले दो वर्षों से भेड़ियों के हमलों की बढ़ती घटनाओं ने गांव में दहशत मचा रखी है जिससे ज्यादातर बच्चो की जान जा चुकी है।
वन विभाग और पुलिस की कार्यवाही
पिछले 08 महीनो से भेड़ियों के आतंक की घटना बंद हो जाने से प्रशासन ने चैन की सांस ली थी लेकिन फिर 08 महीने बाद हुई घटना से प्रशासन के हाथ पैर फूल गये है। वन विभाग ने ड्रोन और ट्रैप कैमरों से जानवरों की तलाश शुरू की है। ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
सूत्रो के मुताबिक जल्द ही ऐसी घटनाओं को रोकने का प्रयास किया जायेगा। वन विभाग और पुलिस को सूचना देने के बाद जांच शुरू कर दी गई है।
प्रशासन ने जागरूकता चलाकर ग्रामीणों को सावधान रहने की सलाह दी है, लेकिन स्थानीय लोग वन विभाग की अनदेखी से परेशान हैं। इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी गंभीर नजर आए थे और भेड़ियों पर नियंत्रण के निर्देश दिए थे।
लोगो में फिर फैला दहशत का माहौल
मासूम आयुष को उसकी मां की गोद से दबे पांव उठा ले जाने की इस घटना से ग्रामीण में असुरक्षा का माहौल फैल गया है। स्थानीय लोगो में दहशत के साथ प्रशासन के उदासीन रवैये को लेकर भी खासी नाराजगी है। भेड़ियों के आतंक से उ0प्र0 ही नही बल्कि पूरे देश को लोगो के लिये अजब गजब मामला था।
प्रशासन की अपील
पुलिस व वन विभाग की तफ्तीश चल रही है, लेकिन विभागों के बीच तालमेल और तेजी की आवश्यकता है, ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। प्रशासन की ओर से ग्रामीणों को रात में घर के बाहर न निकलने और बच्चों की सुरक्षा के प्रति सचेत किया जा रहा है जोकि इस समस्या से लड़ने का एक महत्वपूर्ण कदम है।
क्या करें अगर जंगली जानवर दिखे?
- रात में घर से बाहर न निकलें
- बच्चों को अकेले न छोड़ें
- जंगली जानवर दिखे तो शोर मचाएं
- तुरंत वन विभाग को सूचित करें
स्थानीय असंतोष:
लोग वन विभाग की उदासीनता को लेकर नाराज हैं, वे चाहते हैं कि अधिक सक्रियता और तेज़ कार्रवाई हो ताकि बच्चों की जानें बचाई जा सकें। मुख्यमंत्री ने आदेशों के माध्यम से स्थिति को नियंत्रण में लाने का प्रयास कर रहे हैं जिससे आगे की घटनाओं को रोका जा सके। लोग वन विभाग की लापरवाही से नाराज हैं। उनका कहना है कि समय रहते कदम नहीं उठाए गए जिससे ये हादसे हुए।
ये घटनाएं दिखाती हैं कि जंगल और इंसानी बस्तियों के बीच का संघर्ष बढ़ रहा है। अगर जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो ऐसे हादसे और होंगे।
©द नेशन स्टोरी, 2025 (The Nation Story)
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